विटामिन डी के कमी के लक्षण और आहार स्त्रोत Vitamin D benefits, Deficiency symptoms

विटामिन D को Sun Shine Vitamin भी कहा जाता है क्योंकि यह सूर्य के प्रकाश की प्रतिक्रिया से बनता है।  विटामिन डी के मुख्य दो प्रकार होते हैं, D1 और D2 विटामिन D यह वसा में घुलनशील विटामिन है अर्थात यह हमारी वसा कोशिकाओं में संचित रहता है और लगातार कैल्शियम के चयापचय और हड्डियों के निर्माण में उपयोग होता रहता है। 

विटामिन डी हमारे शरीर के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण विटामिन हैं। आजकल के खान-पान और कपडे के कारण ज्यादातर लोगों में विटामिन डी की कमी पायी जाती हैं। विटामिन डी कमी के कारण शरीर पर प्रतिकूल परिणाम पड़ता हैं। आज के इस लेख में हम आपको विटामिन डी के कमी के लक्षण, विटामिन डी के आहार स्त्रोत और विटामिन डी के फायदे से जुडी जानकारी देने जा रहे हैं। 

विटामिन डी से जुडी उपयोगी जानकारी निचे दी गयी हैं :

विटामिन डी के फायदे, कमी के लक्षण और आहार स्त्रोत 

Vitamin D benefits, Deficiency symptoms and food source in Hindi

Vitamin D ke Fayde

विटामिन डी शरीर की T कोशिकाओं की क्रिया विधि में वृद्धि करता है जो किसी भी बाहरी संक्रमण से शरीर की रक्षा करती है। 

इसकी मानव प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मुख्य भूमिका होती है। 

विटामिन डी की मदद से कैल्शियम को शरीर में बनाए रखने में मदद मिलती है जो हड्डियों की मजबूती के लिए अत्यावश्यक होता है।

इसके अभाव में हड्डियां कमजोर होती है वह टूट भी सकती है। छोटे बच्चों में यह स्थिति रिकेट्स कहलाती है और वयस्कों में हड्डी के मुलायम होने को ओस्टेओमलेसिआ कहते हैं। 

इसके अलावा हड्डी के पतले और कमजोर होने को ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं।

इसके अलावा विटामिन डी कैंसर और TB जैसे रोगों से बचाव करता है। 

Vitamin D ke Food Source

Vitamin D के मुख्य स्त्रोत हैं -

  • अंडे का पीला भाग, 
  • मछली का तेल, 
  • विटामिन डी युक्त दूध और मक्खन 
  • इसके अलावा मुख्य स्त्रोत धूप सेकना होता है। 

Vitamin D ke kami ke lakshan 

डिप्रेशन या उदासी: अध्ययन से पता चला है कि डिप्रेशन से पीड़ित लोगों में अक्सर विटामिन डी की कमी होती है। ऐसे लोग रोशनी से डरते हैं और अंधेरे में रहना पसंद करते हैं। खासतौर पर महिलाओं में और बुजुर्ग लोगों में विटामिन डी की कमी से डिप्रेशन और उदासी आम लक्षण होता हैं। 

झपकियाँ : अगर आपको दिन में बहुत झपकी आती है या हमेशा सुस्ती बनी रहती है तो अपने शरीर में विटामिन डी की जांच कराएं। इसकी कमी से हमारी सजगता घटती है और दिन में भी सोने का मन करता है। 

जोड़ों में दर्द: यह सामान्य परेशानी है जो हर व्यक्ति के साथ जुड़ी है। विटामिन डी की कमी से मस्कुलर साइज कम हो जाता है और मसल्स के साथ नर्व टिश्यू कमजोर पड़ जाते हैं। 

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फ्रैक्चर: जब शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है तो सीधा असर हड्डियों पर पड़ता है। खासतौर पर जब विटामिन डी की कमी हो जाए तो हड्डी चोट या दबाव से भी फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। इसे स्ट्रेस फ्रैक्चर भी कहा जाता है। 

दर्द संवेदना: विटामिन D हमारी सहनशीलता बढ़ाने के साथ दर्द को सहने की अतिरिक्त ताकत देता है इसकी कमी से दर्द क्रोनिक दर्द में तब्दील हो जाता है जो असहनीय होता है। 

हाई ब्लड प्रेशर: विटामिन D हमारे शरीर को नियंत्रित करने में भी भूमिका निभाता है। इसकी कमी से ह्रदय को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और परिणाम स्वरुप ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। 

हमेशा चिड़चिड़ापन: विटामिन D हमारे मस्तिष्क में सेरोटोनिन नाम के हार्मोन के लेवल को प्रभावित करता है। इसे Feel good hormone भी कहते हैं जो हमें खुश रखने में मदद करता है। विटामिन डी की कमी से इसकी कमी हो जाती है और हम हर छोटी छोटी बात पर चिड़चिड़ाने लगते हैं। 

सहनशीलता में कमी: विटामिन डी की कमी से यह गड़बड़ उस समय पता चलती है जब आप एक्सरसाइज करते हैं। स्टडी से भी पता चला है कि विटामिन डी की कमी हो जाए तो खिलाड़ियों का प्रदर्शन कमजोर हो जाता है। 

इस तरह विटामिन डी हमारे शरीर के लिए एक बेहद उपयोगी विटामिन है और अगर हमें इसकी कमी के लक्षण अपने शरीर में नजर आते है तो हमें विटामिन डी की जांच कराना चाहिए। विटामिन डी युक्त आहार के साथ आप डॉक्टर की सलाह से विटामिन डी की दवा भी ले सकते हैं। धुप सेकना यह विटामिन डी की कमी को दूर करने के सबसे सस्ता और आसान इलाज हैं। इसके लिए सुबह की तजि धुप सबसे अच्छी होती हैं। 

अगर आपको यह विटामिन डी से जुडी जानकारी उपयोगी लगी है तो कृपया इसे शेयर अवश्य करे। 

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