क्या आजकल आप भुलक्कड़ हो गयी हैं ? किसी काम में ध्यान नहीं लगा पाती हैं ? अचानक वजन बढ़ने या कम होने की समस्या से जूझ रहे हैं ? बेवजह जरुरत से ज्यादा थकान महसूस हो रही हैं ? तो सावधान हो जाये और ईन लक्षणों को नजरअंदाज न करे ! यह थायराइड के संकेत हो सकते हैं !!
क्या आप जानते हैं की भारत में 4.5 करोड़ से ज्यादा थायराइड के रोगी है और इनमे से भी 60% रोगी महिलाएं हैं। यह आंकड़ा तो सिर्फ उन लोगो का है जिन लोगों की जांच हुई है। भारत में ऐसे लाखों थायराइड के रोगी ऐसे भी है जो इस रोग के शिकार है पर अभी तक उन्होंने अज्ञान वश इस की जांच नहीं की हैं।
थायराइड रोग से जुडी अधिक जानकारी निचे दी गयी हैं :
क्या है थायराइड ? Thyroid in Hindi
हमारे गले में अखरोट के आकार की थायराइड थायराइड ग्रंथि होती हैं। यह ग्रंथि शरीर में दो तरह के हॉर्मोन T3 और T4 बनाती हैं। यह हमारे शरीर के लिए सबसे जरुरी ग्रंथि में से एक हैं। थायराइड ग्रंथि शरीर में कई चीजों को नियंत्रित करती है जैसे की नींद, पाचन तंत्र, मेटाबोलिस्म, चयापचय, लिवर की कार्यप्रणाली, शरीर का तापमान नियंत्रण आदि। आप थायराइड ग्रंथि को शरीर का सेंट्रल कंट्रोलर मान सकते हैं।
थायराइड रोग क्या हैं ? Thyroid Disease in Hindi
थायराइड रोग के मुख्य दो प्रकार की चर्चा हम यहाँ पर कर रहे हैं, हाइपोथायरायडिज्म और हयपरथयरोिडिस्म।
हाइपोथायरायडिज्म / Hypothyroidism - इस रोग में थायराइड ग्रंथि में थायराइड हॉर्मोन कम निर्माण होता हैं और इसलिए शरीर में Thyroid Stimulating Hormone (TSH) -थायराइड हॉर्मोन बनाने का कार्य करनेवाला तत्व की मात्रा बढ़ जाती हैं। इसके लक्षण इस प्रकार हैं :
- वजन बढ़ना
- भूक कम लगना
- हात-पैर में सूजन
- सुस्ती
- ठण्ड अधिक लगना
- मासिक कम आना
- याददाश्त कम होना
- बाल गिरना
हाइपरथायरायडिज्म / Hyperthyroidism - इस रोग में थायराइड ग्रंथि में थायराइड हॉर्मोन का निर्माण अधिक होता है और इस कारण TSH का प्रमाण कम होता हैं। इसके लक्षण इस प्रकार हैं :
- वजन कम होना
- बार-बार भूक लगना
- तनाव
- ध्यान केंद्रित न कर पाना
- तेज धड़कन
- ज्यादा पसीना आना
- नींद में कमी
- गले में सूजन
थायराइड में सावधानी Thyroid Precautions in Hindi
थायराइड की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक है। थायराइड के लक्षण नजर आने पर इसकी जांच अवश्य कराना चाहिए।
अगर आपके परिवार में किसी को पहले से थायराइड की समस्या है तो अनुवांशिक कारणों के चलते आपने इसकी जांच अवश्य कराना चाहिए।
थायराइड के अधिकतर रोगियों को थायराइड की दवा जन्मभर लेता होता हैं। इस दवा के नुक्सान कम और लाभ बेहद ज्यादा है इसलिए किसी नुस्खे या गलत सलाह के बहकावे में आकर बिना डॉक्टर की सलाह के अपनी दवा कभी बंद न करे।
कौन सी दवा कब लेनी है यह डॉक्टर ही तय करते है इसलिए जरुरी है की डॉक्टर के निर्देशानुसार ही दवा ले।
थायराइड से पीड़ित रोगियों में अक्सर कैल्शियम की कमी होती है इसलिए दूध और कैल्शियम सप्लीमेंट लेना चाहिए।
यदि महिला को पहले से थायराइड की समस्या हैं तो स्त्री रोग विशेषज्ञ को इसकी जानकारी दे। इससे जुडी सावधानी और दवाओं के बारे में वह बताएँगे। जब तक थायराइड नियंत्रित नहीं हो जाता तब तक प्रेगनेंसी से बचने के लिए चिकित्सकीय सलाह भी दी जाती हैं।
थायराइड रोग के दुष्परिणाम Side effects of Thyroid Disease on Health in Hindi
थायराइड रोग के कारण शरीर की हड्डियां कमजोर पड़ने लग जाती हैं। थायराइड में कैल्शियम की कमी के चलते अस्थि क्षय / ऑस्टियोपोरोसिस हो जाता हैं।
थायराइड से पीड़ित रोगी में पैर दर्द और वाटर रिटेंशन की समस्या रहती हैं।
थायराइड ग्रंथि की गड़बड़ी से हॉर्मोन्स में असंतुलन हो जाता हैं। इस कारण प्रग्नेंसी प्लान करने में दिक्कत आती हैं।
थायराइड के रोगियों में कोलेस्ट्रॉल का प्रमाण ज्यादा रहता है जिसके चलते ह्रदय रोग होने का खतरा रहता हैं।
हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित अधिक रोगियों में मोटापा सबसे बड़ी समस्या रहती हैं।
गले में दर्द, सूजन और भारीपन रहता हैं।
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