चेहरा ही दूसरों के सामने हमारा पहला व्यक्तित्व का आइना होता है, इसलिए चेहरे को बेदाग़ और खूबसूरत होना जरूरी है । लेकिन कई बार हम समझ ही नहीं पाते कि समस्या की जड़ क्या है । चेहरे पर आए बदलावों को अक्सर हम कॉस्टमेटिक्स से ही जोड़कर देखते हैं, लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता। विशेषज्ञों की मानें, तो चेहरे के मुंहासे या आंखों के आसपास काले घेरे, कई बार अंदरूनी सेहत में गड़बड़ी की वजह से भी होते हैं। तो आइये जानते है की कैसे चेहरे से पहचाने कि क्या वजह है पिम्पल्स की –
1. माथे पर ढेर सारे मुंहासे
अगर आपके माथे यानी ललाट पर ढेर सारे मुंहासे हो रहें हैं, तो इसका साफ मतलब है कि आपका डाइजेशन सिस्टम यानी पाचन प्रणाली सही नहीं है और पानी की कमी के चलते विषैले पदार्थ आपके शरीर में ज्यादा बन रहे हैं। माथे पर छोटे-छोटे ज्यादा मुंहासे हो रहे हों, तो खुद को टॉक्सीन फ्री करने के लिए खूब सारा पानी पिएं, ताकि विषैले पदार्थ शरीर से बाहर निकलें। इसके अलावा ग्रीन टी भी ले सकती हैं। ये त्वचा को पोषक तत्व देने के साथ ही विषैले पदार्थ को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है। प्रोसेस्ड फूड व कैफीन की जगह हरी पतेदार सब्जियों और फल को अपनी डाइट में शामिल करें।
2. टी जोन पर मुंहासे
चेहरे की टी जोन यानी आपका माथा और नाक का हिस्सा । इस जोन में मुंहासों का ज्यादा होना लीवर की गड़बड़ी को दर्शाता है। तैलीय व जंक फूड का अत्यधिक सेवन भी इसका कारण हो सकता है या फिर ज्यादा अल्कोहल। इसलिए जितना हो सके आप संतुलित और पौष्टिक आहार लें। त्वचा को पोषण देने के लिए हरी साग-सब्जियों के अलावा ताजे फल हर दिन लें।
3. आंखों के आसपास मुंहासे
आंखों के आसपास की त्वचा ज्यादा संवेदनशील होती है । इस हिस्से में होने वाली समस्या आपके किडनी फंक्शन को बताती है। अच्छी नींद लेने के बावजूद अगर आंखों के नीचे काले घेरे हों, तो इस बात का इशारा है कि आपके आहार में कुछ ऐसी चीजें शामिल हैं, जिनके लिए आपका शरीर ठीक तरह से प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है। इसी तरह आंख के आसपास की त्वचा पर असमय झुर्रियां दिखें या रैशेज है, तो संभव है शरीर में पानी की कमी हो।
4. गालों पर मुंहासे
गालों के ऊपरी हिस्से का संबंध आपके फेफड़ों से है। यहां अगर मुंहासे हों, तो यह फेफड़े की किसी दिक्कत को इंगित करता है। कई बार प्रदूषण व धूम्रपान के कारण भी इस हिस्से में मुंहासे निकल आते हैं। स्मार्टफोन के कारण भी इस हिस्से में बैक्टीरिया के ज्यादा अटैक होने की आशंका होती है। इसलिए पूरे दिन में एक बार फ्रेश एंटी-बैक्टीरियल वाइप्स का उपयोग चेहरे पर करें। गंदे तकिये पर सोने से भी यह समस्या हो सकती है।
5. गालों के निचले हिस्से में मुंहासे
कई बार खराब डेंटल हाइजीन की वजह से भी गालों के निचले हिस्से में मुंहासे होते हैं। ऐसे में बहुत ज्यादा मीठे या सोडायुक्त पदार्थ का सेवन नहीं करें। रोजाना सुबह-शाम ब्रश करें। इस तरह हेल्दी डेंटल रूटीन से शुष्क त्वचा और मुंहासों की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
6. कान के आसपास मुहांसे
कान के आसपास अगर कोई समस्या है, तो यह भी किडनी की ख़राब फंक्शनिंग को दिखाता है । ये दिखाता है कि आप डिहाइड्रेशन की शिकार हैं और अत्यधिक मात्रा में नमक का सेवन कर रही हैं । इस एरिया में अगर मुहांसे हो रहें हैं, तो कंडिशनर और तेल बालों में लगाना बंद कर दें। कई बार इससे भी यह एरिया प्रभावित होता है। अगर लगाएं भी तो अच्छे से उन्हें साफ करें, क्योंकि इस एरिया में मुंहासे निकलने का कारण ये भी हो सकते हैं।
7. जॉ-लाइन और हेयरलाइन के किनारे मुंहासे
अगर जॉ-लाइन और हेयरलाइन के किनारे मुंहासे हों, तो इसका मतलब कि आपके शरीर में एस्ट्रोजेन की कमी है। खासकर बढ़ती उम्र की महिलाओं में यह समस्या ज्यादा होती है । ऐसे में पोषण पर ध्यान देना ठीक रहेगा । आम, खुबानी, मशरूम आदि का सेवन करें ।इनमें मौजूद विटामिन ‘ए’ स्किन सेल्स के प्रोडक्शन को सामान्य करता है।
8. ठुड्डी पर मुंहासे
ठुड्डी! यह छोटी आंत से संबंध रखता है । अगर आप अपनी डाईट में कुछ परिवर्तन करती हैं, तो आपको इस एरिया में फर्क दिखाई देगा। कई बार इस एरिया की त्वचा पर मुंहासे होने का कारण हार्मोन्स में असुंतलन भी हो सकता है। इस स्थिति में खानपान के साथ-साथ साफसफाई का ध्यान रखें। अपने हाथों से ठुड्डी को बारबार न छुएं, क्योंकि इससे हाथों के पोरों में जो तेल होता है, वह ठुड्डी पर लग जाता है, जो मुहांसे होने का एक कारण हो सकता है।
9. दोनों आंखों के बीच का स्थान फ्रोन लाइन कहलाता है । आंखों के बीच उभरी हुई फ्रोन लाइन का मतलब है कि आपके लीवर पर ज्यादा दबाव पड़ रहा है। फूड एलर्जी के अलावा वातावरण या इमोशनल फैक्टर के कारण भी यह समस्या हो सकती है। सही कारण जानकर,उचित उपाय करें।
10. डीहाइड्रेशन की वजह से अक्सर होंठ शुष्क हो जाते हैं, लेकिन कई बार शरीर में विटामिन-बी और आयरन की कमी हो जाने से भी होंठ सूखने लगते हैं या फिर उनका प्राकृतिक रंग खराब होने लगता है। ऐसी स्थिति में आयरन युक्त आहार लें और ढेर सारा पानी पिएं ।
11. यदि आपकी भौहों के बीच बारीक़ रेखाएं हैं, साथ ही माथे की त्वचा तैलीय है अथवा माथे पर लालिमा या खुरदरापन रहता है, तो यह अस्वस्थ्य लीवर का कारण हो सकता है। इस स्थिति में मांसाहार से परहेज करें। चीनी, मिल्क उत्पाद, अंडे और मसाले का सेवन कम करें। ताजी हरी सब्जियों का सेवन करें। भोजन चबा कर खाएं ।