आमतौर पर परिवारों में पैसों से जुड़े मामलों से बच्चों को दूर रखा जाता है, मगर बच्चों को बचपन से ही धन प्रबंधन या Money Management की सीख देना बहुत ही महत्वपूर्ण है। बचपन में मिले बचत या धन के सदुपयोग के सबक जिंदगी भर उनके काम आते हैं और आगे चलकर उस सही कदम उठाने में उनकी मदद भी करते हैं।
बचपन में पैसों को सहेजने का तरीका बस पिग्गी बैंक ही हुआ करता है। पैसों को सहेजने का अनुभव पूरे बचपन भर बस सिक्को तक ही सीमित रहता है। क्या आप यह जानते हैं कि 3 साल से बड़े बच्चे बचत और खर्च के सिद्धांत की सामान्य समझ रखते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि उनका वित्तीय आदतें भी 7 साल की उम्र तक तय हो जाती है। बच्चों को पैसों को बरतने की आजादी दे। उनमें प्रबंधन की आदतें विकसित करें ताकि वह बड़े होकर बड़ी गलती ना करें।
बच्चों को मनी मैनेजमेंट कैसे सिखाये इसकी जानकारी निचे दी गयी हैं
बच्चों को धन प्रबंधन कैसे सिखाये? How to teach Money Management to the kids ?
अच्छे प्रबंधन का उदाहरण पेश करें
एक बात अच्छी तरह से याद रखें कि बच्चे अपने माता पिता या फिर बड़ों के व्यवहार का अनुसरण करते हैं। बच्चे बहुत गौर से आपको देखते हैं और ज्यादातर अपने माता पिता की बहुत सारी चीजों को अपनाते हैं। इसलिए पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि बच्चों के सामने अच्छे उदाहरण पेश करें। अपनी सकारात्मक वित्तीय आदतों के माध्यम से अपने वित्तीय व्यवहार और फिलॉसोफी को हर दिन नया उदाहरण पेश करें। जैसे कि :
- उन्हें यह सिखाए कि कैसे फिक्स बजट में अपनी मनपसंद चीजों की शॉपिंग करें।
- कैसे कूपन और डिस्काउंट ऑफर का इस्तेमाल करें, ताकि कम कीमत में अच्छी चीजें खरीदी जा सके।
- उन्हें अपने बड़े भाई बहनों या फिर रिश्तेदारों द्वारा उपयोग की गई किताबें, खिलौने, कपड़ों को बेझिझक इस्तेमाल करने की आदत दें।
- उनसे धन प्रबंधन के बारे में भी चर्चा करें।
भविष्य के लिए सिखाएं बचत करना
बचत का एक साधारण सा लक्ष्य बेहतर वित्तीय पृष्ठभूमि तैयार करना है लेकिन यह बहुत मुश्किल मामला है क्योंकि बच्चे सबसे पहले नए उत्पादों और बाजार की ओर आकर्षित होते हैं। ऐसे में उनमें बचत की आदत डालना समस्या हो सकती है। अपने बच्चों को एक सेविंग अकाउंट खुलवाए और उन्हें हर सप्ताह उसमें कुछ रकम डालने के लिए प्रोत्साहित करें। हर महीने के अंत में उन्हें अपना बैंक स्टेटमेंट देखने के लिए भी प्रेरित करें। यह उन्हें हर सप्ताह पैसा बचाने के लिए आकर्षित करेगा। यह पहला छोटा कदम होगा जो आपके बच्चों को बचत का महत्व और उसकी जरूरत बताएगा।
खरीददारी और बजट में साथ रखे
बच्चों को घर के लिए जरूरी चीजों की खरीदारी और महीने का बजट बनाते हुए साथ रखें ताकि वह बजट बनाना उसके अनुरूप खर्च करना और पैसे बचाना सीख पाए। ग्रोसरी या कुछ और सामान खरीदते हुए बच्चों को साथ ले जाएं और उन्हें भी चुनाव में मदद करने के लिए प्रोत्साहित करें। शॉपिंग लिस्ट बनाने और लिस्ट के हिसाब से सामान खरीदने के दौरान भी उनसे मदद ले। उन्हें बताएं कि किस तरह वह अच्छी क्वालिटी का सामान कम कीमत में खरीद सकते हैं और इसके साथ ही खर्च करने बचाने और योजना बनाने आदि से संबंधित मामलों में बच्चों की मदद जरूर ले।
इंतजार करना सिखाए
पेरेंट्स को बच्चों की जरूरत की चीजें खरीदने के लिए उनकी मदद करनी चाहिए लेकिन उनकी पसंद की हर वस्तु को खरीद कर देने से बचना चाहिए। ऐसे करने से बच्चों में पैसों की कीमत कम हो जाने की आशंका रहती है। हम सभी ने अपने माता-पिता से सुना होगा कि पैसे पेड़ पर नहीं उगता है इसका मतलब है कि हमारे माता पिता ने हमें वित्तीय दृष्टि से जिम्मेदार बनाने की कोशिश की है।
गलतियां करने की आजादी दे
यदि आप यह सब देख भी पा रहे हैं कि आपका बच्चा किसी खिलौने या फिर गेम पर पैसा बर्बाद करने जा रहा है क्योंकि वह जल्द ही उनसे उपजाने वाला है तब भी उसे वह खरीदने दे। हो सकता है यह उसे एक बहुमूल्य सबक दे। उन्हे यह एहसास भी हो सकता है कि उन्होंने इस खिलोने या गेम को दो या चार बार खेलने के लिए खरीद कर पैसा बर्बाद किया। हो सकता है वह यह बात भविष्य में भी याद रखें।
इस तरह आप अक्लमंदी से अपने बच्चों को मनी मैनेजमेंट का पाठ पढ़ा सकते है और उन्हें सही तरीके से पैसे खर्च करने और बचाने का गुर बचपन से ही सीखा सकते हैं। यह बहुमूल्य जानकारी हमारे पाठक विलास पाटिल ने हमें अकोला से भेजी हैं।
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